श्री संकटनाशन गणेश स्तोत्र – नारद पुराण से उद्धरित एक शक्तिशाली स्तोत्र | Shri Sankatnashan Ganesh Stotra in Sanskrit & English

Ganpati Stotram With Lyrics | Pranamya Shirasa Devam | Sankata Nashak Ganesh Stotra | Ganesha Stotra @rajshrisoul
श्री संकटनाशन गणेश स्तोत्र – नारद पुराण से उद्धरित एक शक्तिशाली स्तोत्र | Shree Sankatnashan Ganesh Stotra – a powerful stotra quoted from the Narada Purana.

श्री संकटनाशन गणेश स्तोत्र

परिचय:-

“नारद पुराण से उद्धरित श्री संकटनाशन गणेश स्तोत्र जो आरम्भ होता है ‘प्रणम्य शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम’ के साथ, का पाठ करें और अपने जीवन से सभी बाधाओं को दूर करें। मुनि श्रेष्ठ श्री नारद जी द्वारा कहा गया यह स्तोत्र आपको सफलता, समृद्धि और शांति प्रदान करेगा।

॥ स्तोत्र ॥

॥ ॐ श्री गणेशाय नमः ॥

॥ नारद उवाच ॥

प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम ।

भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु: कामार्थसिद्धये ॥

प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम ।

तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम ॥

लम्बोदरं पञ्चमं च षष्ठं विकटमेव च ।

सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्णं तथाष्टमम्। ॥

नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम ।

एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम् ॥

द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्यं य: पठेन्नर:।

न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरः प्रभो ॥

विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ।

पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ॥

जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत् ।

संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय: ॥

अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वा य: समर्पयेत् ।

तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत: ॥

लाभ:-

इस स्तोत्र के नियमित पाठ से विद्यार्थियों को विद्या में, धनार्थियों को धन में, और सभी साधकों को उनके जीवन के लक्ष्यों में सफलता मिलती है।

॥ इति श्रीनारदपुराणे संकष्टनाशनं गणेशस्तोत्रं सम्पूर्णम्‌ ॥

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