ॐ जय लक्ष्मी रमणा – श्री सत्यनारायणजी की आरती – Om Jai Lakshmi Ramna – Shri Satyanarayanji Ki Aarti in Hindi & English

Satyanarayan Aarti Om Jai Lakshmi Ramna with Hindi,English Lyrics I Anuradha Paudwal, Lyrical Video

श्री सत्यनारायणजी की आरती – जो भगवान सत्यनारायण की कथा के समापन पर गायी जाती है भगवान् की महिमा का वर्णन करती है। Shri Satyanarayanji Ki Aarti – A traditional devotional hymn sung at the conclusion of the Satyanarayan Katha, describing the glory of Lord Satyanarayan.

श्री सत्यनारायणजी की आरती – Shri Satyanarayanji Ki Aarti

श्री सत्यनारायणजी की आरती

ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा।
सत्यनारायण स्वामी, सत्यनारायण स्वामी, जन पातक हरणा॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा ॥ टेक ॥

रत्‍‌न जडि़त सिंहासन, अद्भुत छवि राजै।
नारद करत निराजन, घंटा ध्वनि बाजै॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा ॥ टेक ॥

प्रकट भये कलि कारण, द्विज को दरस दियो ।
बूढ़ा ब्राह्मण बनकर, कंचन महल कियो ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा ॥ टेक ॥

दुर्बल भील कठारो, जिन पर कृपा करी ।
चन्द्रचूड़ एक राजा, जिनकी विपत्ति हरी ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा ॥ टेक ॥

वैश्य मनोरथ पायो, श्रद्धा तज दीन्हीं ।
सो फल भोग्यो प्रभुजी, फिर अस्तुति कीन्हीं ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा ॥ टेक ॥

भाव भक्ति के कारण, छिन-छिन रूप धरयो ।
श्रद्धा धारण कीन्हीं, तिनको काज सरयो ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा ॥ टेक ॥

ग्वाल-बाल सँग राजा, वन में भक्ति करी ।
मनवांछित फल दीन्हों, दीनदयालु हरी ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा ॥ टेक ॥

चढ़त प्रसाद सवायो, कदलीफल, मेवा ।
धूप-दीप-तुलसी से, राजी सत्यदेवा ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा ॥ टेक ॥

श्री सत्यनारायण जी की आरती, जो कोई नर गावै ।
ऋद्धि-सिद्ध सुख-संपत्ति, जी भरके पावे ॥

ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा।
सत्यनारायण स्वामी, सत्यनारायण स्वामी, जन पातक हरणा॥

॥ इति ॥

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